सोशल मीडिया और नास्तिकता

जीब तरह के नास्तिको(नमूनो) से भरी पड़ी है सोशल मीडिया
एक धर्म की बुराई करो दूसरे की बढ़ाई करो, बन जाओ नास्तिक

धर्मनिरपेक्षता और नास्तिकता,, दोनों शब्दों का मज़ाक बना दिया है कमबख़्तो ने
अपने अपने पसंद का खम्बा पकड़ रखा है सारे भेड़िओ ने.. उसी पर टांग उठाये करते रहते हैं



नास्तिक शब्द का मज़ाक बना के रख दिया है
ये छुटभैये टाइप नास्तिको ने....

बहरहाल, आस्तिक तो खुद में ही बहुत बड़े मज़ाक होते हैं


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