तटस्थ रहना फिर भी आसान है
निष्पक्ष रहना बड़ा मुश्किल है
खासकर अपने महान भारत में ,
कांग्रेस, बीजेपी, वामपंथ वाली निष्पक्षता सोच रहे हो, तो
उसी निष्पक्षता की एक बत्ती बनाओ
और सुट्टा मारो
सामाजिक निष्पक्षता की बात हो रही है
(ये पार्टियाँ जब पैदा भी नही हुई थीं ..समाज उससे भी बहुत पहले से है)
जो सही है, सच है
उसका पक्ष तो लेना ही पड़ेगा
खुद को सही साबित करने के लिए
समाज की भलाई के लिए,
निष्पक्ष होना असंभव है और होना भी नही चाहिए
किसी को भी निष्पक्ष
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