ब्राह्मण कहते है
हमने जातिवाद नही फैलाया!!!! ...
बिल्कुल ठीक कहते
हैं
आपको पता है..
बहुत गलत थ्योरी है ये कि
ब्राह्मणो ने
जातिवाद फैलाया और क्षत्रियो ने वर्णव्यवस्था..उसी क्रम में जातिवाद की रक्षा की
सही और सटीक
थ्योरी ये है::
जातिवाद तो
शूदो ने फैलाया है पुरातन शुरातन काल से ही
कितना लॉजिकल
लगता है ना,..
पहले वर्णव्यवस्था बनाई शुद्रो ने.. खुद को
सबसे नीचे रखा
फिर अपने में से
ही जिन लोगो ने थोड़ा बहुत विरोध किया .. उन्हें अछूत बना दिया
जो ज्यादा तीन-पांच
कर रहे थे, उन्हें जंगल में भगा के आदिवासी बना दिया
ब्राह्मण वर्ग ने
बहुत आवाजें उठाई इन् सबके लिए .. पर सब व्यर्थ
और क्षत्रिय वर्ग
वाले तो बस तैयार ही थे
अपनी जान पे खेल जाने को.. पर किसी तरह रूक गए
फिर कुछ समय
गुजरा और
मुगलो ने भारत
भूमि पे कदम रखके उसे मैला कर दिया
उनका घुसना था और
शुद्रो का गुस्सा आसमान पे
तैश में आके
उन्होंने जाति फिर उपजाति और गोत्र का भी निर्माण कर डाला
हाँ तो मै कह रहा था
जातिवाद वर्णवाद
..
सबका कर्ता-धर्ता निर्माता-पोषक कोई है पुरातन शुरातन काल से
तो आज के अवर्ण
ही हैं ... सवर्ण बेचारे नहीं
पदमश्री वगैराह
के अवार्ड में पैसा भी मिलता है
पर
मुझे इस थ्योरी
के लिए अवार्ड नही .. बस १-२ लाख रुपैय्या ही दिलवादो
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