अजब है उभारो की गाथा
मैं कुछ लिख दूँ उभारों के बारे में
तो मैं ठरकी
या मस्तराम का चेला
कोई लड़की/.महिला कुछ लिख दे
उभार ये उभार वो करके
तो वो समाजसुधारक
प्रगतिशील
आधुनिकता में भी लिंगभेद छुपा है
चश्मे का नंबर बढाइये
मैं कुछ लिख दूँ उभारों के बारे में
तो मैं ठरकी
या मस्तराम का चेला
कोई लड़की/.महिला कुछ लिख दे
उभार ये उभार वो करके
तो वो समाजसुधारक
प्रगतिशील
आधुनिकता में भी लिंगभेद छुपा है
चश्मे का नंबर बढाइये