उभार

अजब है उभारो की गाथा

मैं कुछ लिख दूँ उभारों के बारे में
तो मैं ठरकी
या मस्तराम का चेला

कोई लड़की/.महिला कुछ लिख दे
उभार ये उभार वो करके
तो वो समाजसुधारक
प्रगतिशील

आधुनिकता में भी लिंगभेद छुपा है
चश्मे का नंबर बढाइये

Source: Facebook Post

जातिवाद का आधुनिक रूप

हम दोनों खूब बातें करते थे अपने अपने पुराने असफल प्यारो के बारे में
उसके पेपर मेरी अलग व्यस्तता .. कुछ बीच में नहीं आता था हमारी बातो के
बात शुरू करने का तो पता था ..पर खत्म कब और कैसे होगी ... वो बैलेंस खत्म होने पे ही पता चलता था

धीरे धीरे नज़दीकियां बढ़ती गयीं ....... फिर....

मैं: ओये प्यार करती है मुझसे
कन्या: हाँ
मैं : कितना?
कन्या: बहुत ... ढक्कन इतनी बातें करते हैं हम दोनों ... फिर भी ए सवाल grumpy emoticon

नारीमुक्ति

जातिवाद, अंधविश्वास, कट्टरता के मिटे बिना
नारीमुक्ति का सपना कैसे सच होगा?

धर्म को खुद से और खुद को धर्म से जकड़ा हुआ है
सबसे ज्यादा और मजबूत डोर से नारी ने

उन्हें इससे आज़ाद करे/कराए बिना नारीमुक्ति कैसे संभव है?

लल्लोचप्पो करके, हर बात में हाँ हाँ करके
खुद को बड़ा दिखाकर
नारीमुक्ति कैसे संभव है

आरक्षण

आरक्षण! 
" गाँव भर की भौजाई । "

जो जहाँ पाया , वहीं छेड़खानी कर बैठा । 
दिन , दोपहर , रात !

एक कहता है कि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं देंगे । 
दूसरा कहता है कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं देंगे। 
तीसरा कहता है कि एकल पद पर आरक्षण नहीं देंगे।
चौथा कहता है कि क्रीमी लेयर वालों को आरक्षण नहीं देंगे। 
पाँचवाँ कहता है कि न्यायिक सेवाओं में आरक्षण नहीं देंगे।

हक़ की लड़ाई

रीक्षाएँ हमशा आदर्श बहु बनने के लिए होती हैं
आदर्श दामाद बनने के लिए कोई परीक्षा नहीं होती

इस दोग़लापंती के खिलाफ कितनी लड़कियों/भावी बहुओ ने आवाज उठाई?
ना जी ..... बस नारीवाद का झंडा बुलंद करती चलो
आदर्श बहु बनने के ख्वाब संजोती चलो

जो एक आध उठाए जरा आवाज ... उसे देवी महादेवी बना दो या छिनाल/वैशया
.... जरूरत भी क्या है ... क्योंकि

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