परीक्षाएँ हमशा आदर्श बहु बनने के लिए होती हैं
आदर्श दामाद बनने के लिए कोई परीक्षा नहीं होती
इस दोग़लापंती के खिलाफ कितनी लड़कियों/भावी बहुओ ने आवाज उठाई?
ना जी ..... बस नारीवाद का झंडा बुलंद करती चलो
आदर्श बहु बनने के ख्वाब संजोती चलो
जो एक आध उठाए जरा आवाज ... उसे देवी महादेवी बना दो या छिनाल/वैशया
.... जरूरत भी क्या है ... क्योंकि
तुम्हरे हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए ऊपर से अवतरित होंगी हूर/अप्सराएं
नक़ाब में ही स्वर्ग है सिंदूर में ही जन्नत है
जो मंगलसूत्र अगर टूट गया
तो तुमहरा वजूद भी कोई वजूद है भला
व्रत तुम जरूर रखना
आखिर फिगर भी तो मेन्टेन करनी है
खा लिए ज्यादा
तो ढोल ना बन जाओगी
फिर ढोलना को कैसे रिझाओगी
वही तो एक जन्नत है
स्वर्ग उसी के कदमो में है
आवाज निकालना मना है
दुसरे हैं ना तुम्हारी तरफ से बोलने को
चलो तुम आराम करो
धर्म कर्म की बात करो
उसी आराम के साथ खाना बनाओ
झाड़ू बर्तन तो बिना कहे ही कर लो
गर ज्यादा मन उछले
तो क्या????? बस
मर्दो के बनाए संसार में
मर्दो की बताई बातो को ही जीकर
मर्दो की बराबरी का ढोंग तुम कर लेना
पर हे देवी
इतना भरोसा तुम कायम रखना
आवाज जो कभी ना निकली
आगे भी बंद ही रखना
आदर्श दामाद बनने के लिए कोई परीक्षा नहीं होती
इस दोग़लापंती के खिलाफ कितनी लड़कियों/भावी बहुओ ने आवाज उठाई?
ना जी ..... बस नारीवाद का झंडा बुलंद करती चलो
आदर्श बहु बनने के ख्वाब संजोती चलो
जो एक आध उठाए जरा आवाज ... उसे देवी महादेवी बना दो या छिनाल/वैशया
.... जरूरत भी क्या है ... क्योंकि
तुम्हरे हक़ की लड़ाई लड़ने के लिए ऊपर से अवतरित होंगी हूर/अप्सराएं
नक़ाब में ही स्वर्ग है सिंदूर में ही जन्नत है
जो मंगलसूत्र अगर टूट गया
तो तुमहरा वजूद भी कोई वजूद है भला
व्रत तुम जरूर रखना
आखिर फिगर भी तो मेन्टेन करनी है
खा लिए ज्यादा
तो ढोल ना बन जाओगी
फिर ढोलना को कैसे रिझाओगी
वही तो एक जन्नत है
स्वर्ग उसी के कदमो में है
आवाज निकालना मना है
दुसरे हैं ना तुम्हारी तरफ से बोलने को
चलो तुम आराम करो
धर्म कर्म की बात करो
उसी आराम के साथ खाना बनाओ
झाड़ू बर्तन तो बिना कहे ही कर लो
गर ज्यादा मन उछले
तो क्या????? बस
मर्दो के बनाए संसार में
मर्दो की बताई बातो को ही जीकर
मर्दो की बराबरी का ढोंग तुम कर लेना
पर हे देवी
इतना भरोसा तुम कायम रखना
आवाज जो कभी ना निकली
आगे भी बंद ही रखना
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